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[Indian Rupees] “भारतीय रुपए का अंतरराष्ट्रीय स्वरूप”

अर्थ विमर्श
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rupee-post-343px-flagबीते हुए कुछ वर्षों में न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था ने नए आयाम छुए हैं बल्कि विश्व बाज़ार में भारतीय मुद्रा रुपए (Rs) का मूल्य भी बढ़ा है. अतः वैश्विक क्षेत्र में भारतीय अर्थव्यवस्था के बढ़ते प्रभाव से प्रेरित होकर भारतीय वित्त मंत्रालय ने भारतीय मुद्रा रुपए को एक अंतरराष्ट्रीय (अद्वितीय पहचान विशेषाधिकार के अंतर्गत) मानक देने का फैसला किया. इससे पूर्व यह अंतरराष्ट्रीय मानक केवल डॉलर, यूरो, पौंड, स्टर्लिंग और येन मुद्राओं को हासिल था.

क्यों बदला जाना है प्रतीक मानक

भारतीय मुद्रा के प्रतीक मानक को बदलने का मूल उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय रुपया को नयी पहचान देना है क्योंकि मौजूदा समय में भारतीय अर्थव्यवस्था का वैश्वीकरण हुआ है. इसके अलावा वर्तमान समय में भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका के मुद्रा मानक भी रुपया हैं अतः अगर हम नया मानक चुनते हैं तो यह मानक अद्वितीय हो जाएगा.

अंतराष्ट्रीय मानक देने के अंतर्गत भारतीय वित्त मंत्रालय ने एक वर्ष पूर्व प्रविष्टि डिजाइन प्रतियोगिता की घोषणा की थी जिसके अंतर्गत जीतने वाले को 2,50,000 रुपए दिए जाने की घोषणा भी की गयी थी.

लेकिन भारतीय मुद्रा का मानक डिजाइन करते वक्त कुछ निर्धारित मानदंडों को ध्यान में रखना ज़रुरी था जैसे कि

Rupee-Udaya-295x200• प्रतीक मानक कुंजीपटल के लिए लागू किया जाना चाहिए.
• प्रतीक मानक भारतीय राष्ट्रीय भाषा लिपि या उसका दृश्य प्रतिनिधि होना चाहिए.
• प्रतीक मानक देश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक लोकाचार के प्रतिनिधि के रूप में व्यापक रूप से देश भर में स्वीकार्य होना चाहिए

एक वर्ष बाद पांच सदस्यीय पैनल ने चुने गए पांच मानकों में से आईआईटी मुंबई के स्नातकोत्तर डी उदय कुमार का डिजाइन चुना जिसे कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गयी है.

डी उदय कुमार के द्वारा डिजाइन किए गए मानक में बाईं तरफ ‘देवनागरी रा’ और रोमन का बड़ा अक्षर (R) का मिश्रण है जो वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की कल्पना के बहुत नजदीक है. प्रणव मुखर्जी के अनुसार वह एक ऐसा मुद्रा मानक चाहते थे जो “भारतीय संस्कृति और लोकाचार को दर्शाता हो”.

डी उदय कुमार की अवधारणा

indian-rupee-symbolकुमार की अवधारणा के अनुसार उनके द्वारा डिजाइन किया गया मानक भारतीय “तिरंगे” और “अंकगणितीय तुल्यता” पर आधारित है. नए मानक में दो क्षैतिज लाइनों के बीच सफेद स्थान राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र की छाप देता है. दो बोल्ड समानांतर लाइने भारतीय अर्थव्यवस्था और अंतराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में समानता दर्शाती हैं.

This blog is about the New Symbol of the Indian Rupees that has been approved by the Union Cabinet. An IIT post-graduate D Udaya Kumar has given the Indian Rupee a symbol of its own. The government had organized a symbol design competition with a prize of Rs 2.5 lakh for the winner. The growing influence of the Indian economy in the global space is said to have prompted this move. The Rupee will join the select club of global currencies like the US dollar, the British Pound, European Euro and Japanese Yen that have unique symbols.

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