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Advantages of FDI in India
हाल ही में यूपीए सरकार ने मल्टीब्रैंड खुदरा कारोबार में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी है. हालांकि राज्यों में ऐसे स्टोर खुलेंगे या नहीं, इस बारे में फैसला लेने का अधिकार राज्यों पर ही छोड़ दिया गया है. अब विदेशी मल्टी ब्रैंड कंपनियां भारत में भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर काम कर सकेंगी, लेकिन कुछ शर्तों के साथ, जिनमें सबसे खास यह है कि विदेशी कंपनी की भागीदारी 51 फीसदी से ज्यादा नहीं होगी.
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क्या होगा एफडीआई का स्वरूप
सरकार के नए फैसले के बाद विदेशी कंपनियां भारत में भी अपने स्टोर खोल सकेंगी लेकिन इसके लिए राज्य सरकारों की मंजूरी जरूरी होगी. राज्य सरकार की मंजूरी के बाद ही विदेशी कंपनियों को मल्टी ब्रांड रिटेल स्टोर खोलने की अनुमति मिलेगी. आइए अब जानें की एफडीआई से भारत में क्या फायदा होगा?
आखिर क्यूं हो रहा है विरोध
एफडीआई का समर्थन करने वालों का तर्क है कि जब रिलायंस जैसी देश की बड़ी कंपनी ने उपभोक्ता बाजार में घुसपैठ की थी तो उसका भी विरोध हुआ था. लेकिन आज बाजार में कहीं उसका असर नजर नहीं आता. कंप्यूटराइजेशन के समय भी देशभर में विरोध हुआ था, लेकिन आज वही कंप्यूटर हर एक की जरूरत बन गया है और इन दोनों ने देश को लाखों रोजगार उपलब्ध कराए हैं.
Benefits of Foreign Direct Investment: एफडीआई के फायदे
माना जा रहा है कि इस कदम से पूरे देश में सामान की कीमतों में एकरूपता आएगी. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इससे छोटे किराना दुकानदारों को परेशानी होगी, लेकिन लाखों लोगों को रोजगार भी मिलेगा. युवाओं को अलग तरह का प्रशिक्षण मिलेगा और उनके लिए संभावनाओं के नए द्वार खुलेंगे.
जानकारों का मानना है कि एफडीआई के आने से विदेशी कंपनियों को कम से कम तीस प्रतिशत कच्चा माल भारतीय किसानों से ही खरीदना होगा, जिससे किसानों की स्थिति सुधरेगी.
एफडीआई का सर्वाधिक फायदा यह होगा कि बिचौलिये खत्म हो जाएंगे. बीच में कमीशन खाने वालों की छुट्टी हो जाएगी, जिससे उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर सामान मिलेगा. कच्चा उत्पाद किसान के पास से सीधा कंपनी के पास पहुंचेगा. इससे किसानों और कंपनी दोनों को उचित लाभ मिलेगा. मल्टी ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश [एफडीआई] से किसानों को फायदे का लंबी अवधि में विश्लेषण करने की जरूरत है. अगर देश के छोटे किसानों और दस्तकारों तक इसका लाभ पहुंचे तो यह कदम फायदेमंद साबित होगा. मांग बढ़ेगी तो कृषि क्षेत्र में भी सुधार होगा.
निवेश आने से रूपए की खस्ता हालत में भी सुधार होगा.
कुल मिला कर सरकार के इस फैसले से रिटेल की दुनिया में सकारात्मक क्रांति आने की उम्मीद है. निश्चित ही देश के लिए ये एक फायदे का सौदा साबित होगा. एफडीआई से विदेशी निवेशक और निवेश हासिल करने वाला देश, दोनों को फायदा होता है. निवेशक को यह नए बाजार में प्रवेश करने और मुनाफा कमाने का मौका देता है
अब तो यह आने वाला समय ही बताएगा कि एफडीआई देश के लिए फायदे का सौदा साबित होगा या यह देश को आर्थिक गुलामी की तरफ बढ़ाएगा.
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