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अकसर देखा गया है कि लोग खासकर भारतीय लोगों में धन इकठ्ठा करने की प्रवृति होती है. वह चाहते हैं कि जो उन्होंने रकम जमा की है वह किसी ऐसी जगह निवेश हो जहां अच्छा-खासा रिटर्न तो मिले ही साथ ही इसमें जोखिम भी कम हो. ऐसे निवेशकों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) से अच्छा कोई विकल्प नहीं है.
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जानिए फिक्स्ड डिपॉजिट का अर्थ
फिक्स्ड डिपॉजिट का अर्थ एक ऐसे एकाउंट से है जहां पर परिपक्वता अवधि के लिए धनराशि को जमा किया जाता है और जिस पर निवेशकों को निर्धारित ब्याज मिलता है. जिस राशि को फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा किया जाता है उस राशि को निर्धारित निश्चित अवधि से पहले नहीं निकाला जा सकता है. किसी वजह से यदि निवेशक अपनी धनराशि को निकालना चाहता है तो उसे सबसे पहले बैंक को सूचना देना होगा, उसके बाद कुछ जुर्माना काटकर उसे वह धनराशि दी जाती है. भारत में कई वित्तीय संस्थाएं और बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट की सुविधाएं देते हैं. बैंकों द्वारा निर्धारित ब्याज दर 4 से 11 प्रतिशत के होते हैं. फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि कम-से-कम 6 महीने और अधिक-से-अधिक 10 साल तक की होती है.
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फिक्स्ड डिपॉजिट के फायदे
1. फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश का सबसे लोकप्रिय और सुरक्षित तरीका है जिस पर बाजर के उतार-चढ़ाव का कोई असर नहीं पड़ता.
2. खास बात यह है कि साल से डेढ़ साल तक की कम अवधि वाले फिक्स्ड डिपॉजिट पर ज्यादा अवधि वाले डिपॉजिट्स से ज्यादा लाभ मिलता है. इस कम अवधि की डिपॉजिट पर ब्याज दरें तीन से चार बरस वाले डिपॉजिट की तुलना में ज्यादा हैं.
3. इस पर दी जाने वाली ब्याज सामान्य बचत खातों की तुलना में अधिक होता है
4. कुछ बैंक एफडी धारक को अलग से सुविधाएं प्रदान करते हैं जिसमें लोन देने की सुविधा भी शामिल है.
वर्तमान में शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में जटिलता और उतार-चढ़ाव के चलते निवेशक फिक्स्ड डिपॉजिट की ओर रुख कर रहे हैं. इसके अलावा बैंक भी जमा की जाने वाली रकम पर अच्छे-खासे ब्याज दे रहे हैं.
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