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‘सहारा श्री’: जीरो से हीरो बनने तक का सफर

अर्थ विमर्श
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sahara shreeभारत जैसे देश में कंपनी समूहों और आम लोगों के अधिकारों को लेकर मतभेद अकसर सामने आते रहते हैं लेकिन इनके बीच के मतभेद इतने मुखर रूप से सामने नहीं आते जिस तरह से सहारा समूह के मुखिया सुब्रत रॉय का मामला सामने आया है. इसके पीछे की मुख्य वजह है सुब्रत रॉय पर उन निवेशकों का धन लूटने का आरोप है जो भारत के शहरों में निवास करता है और जो अपनी कमाई से अपने परिवार की सही तरह से देखरेख कर सकता है जबकि जिन आम लोगों की बात की जा रही है वह हमारे किसान और आदिवासी हैं जिनकी जमीने औने-पौने दाम पर हड़प ली जाती है.


क्या ‘सहारा श्री’ का साम्राज्य ढह रहा है !!


वैसे इस मामले के सामने आने की एक और जो वजह है स्वयं सुब्रत रॉय की पहचान. यह पहचान ऐसी है जो उत्तर प्रदेश के एक बहुत ही छोटे शहर से अपने कॅरियर की शुरुआत करके अरबों रुपए की संपत्ति का मालिक बनता है तथा अपने रंगीन मिजाज से हमेशा खबरों में भी बना रहता है.


सुब्रत रॉय का जीवन

‘सहारा श्री’ के नाम से मशहूर सहारा समूह के अध्यक्ष सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून, 1948 को बिहार के अररिया जिले में सुधीर चंद्रा और छबि रॉय के घर हुआ. कोलकाता में शुरुआती शिक्षा-दीक्षा लेने के बाद सुब्रत रॉय ने गोरखपुर के एक सरकारी कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. दिलचस्प बात यह है कि सुब्रत ने अपना पहला कारोबार उत्तर प्रदेश के जिले गोरखपुर से ही शुरू किया.


जमीन से उठकर शिखर तक का सफर

सुब्रत शुरू से ही पढ़ाई में कमजोर थे. उनका मन पढऩे से ज्यादा बिजनेस करने में लगता था. सन 1978 में एक छोटे से शहर से बिजनेस शुरू करने वाले सुब्रत ने 34 साल में दुनिया भर में अपना कारोबार फैला लिया. कहते हैं कि जब वह घर से निकले थे तो उनके  पास केवल 2000 रुपये ही जेब में थे, लेकिन आज वह 2 लाख करोड़ से भी ज्यादा के ग्रुप के मालिक हैं.


विलासिता से भरा आलीशान जीवन

वर्तमान में विश्वास करने वाले सुब्रत रॉय का जीवन बिलकुल ही चकाचौंध से भरा है. जितनी चर्चा उनके काम और कंपनियों की होती है उतनी ही चर्चा इस बात की भी होती है कि ‘सहारा श्री’ क्या गजब का आलीशान और राजसी जिंदगी जीते हैं. वह खुद भी ऐश्वर्यपूर्ण जीवन जीते हैं और ऐसे ही लोगों को अपने साथ रखते हैं. उनके दोस्तों में अनिल अंबानी और अमिताभ बच्चन जैसे लोग शामिल हैं.


दोस्तों के दोस्त

सभी को मालूम है सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय दोस्तों के दोस्त हैं. कई लोगों का ऐसा मानना है कि वह व्यावहारिक तौर पर ऐसे हैं. लोगों की दिल खोलकर मदद करते हैं. बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन से उनकी दोस्ती अमिताभ के बुरे समय में ही हुई थी, तब उन्होंने बिग बी की काफी मदद की. वैसे कुछ लोग ऐसा भी कहते हैं कि सहारा श्री सिर्फ अमिताभ बच्चन जैसों लोगों का सहारा बनते हैं.


देशभक्ति की भावना

सुब्रत रॉय के व्यक्तित्व का एक पहलू यह भी है कि वह राष्ट्रीयता को बहुत बढ़ावा देते हैं. 15 अगस्त जैसे अवसरों पर भारत पर्व का आयोजन करते हैं. कुछ लोग मानते हैं कि सुब्रत रॉय अपना कारोबार बढ़ाने और अपने व्यक्तित्व को थोड़ा वजन देने के लिए राष्ट्रीयता का इस्तेमाल करते हैं.


सहारा श्री बहुत रोमांटिक हैं

यह बात जान कर हैरानी होगी कि जीरो से हीरो बनने वाला यह बिजनेसमैन अपने रोमांटिक अदाओं के लिए भी जाना जाता है. सुब्रत रॉय ने अरेंज मैरिज की जगह लव मैरिज किया. उन्होंने अपने सपनों की रानी को हैदराबाद से ढूंढ़ा. तब उन्होंने अपनी पत्नी को घर की छत पर प्रपोज किया था. प्रपोज करने के छह साल बाद इन दोनों की शादी हुई. जीवन का आनंद लेते हुए आगे बढ़ने वाले सहारा श्री सुब्रत रॉय सहारा इंडिया परिवार के चेयरमैन होने के साथ-साथ आईपीएल टीम पुणे वारियर्स और फोर्स इंडिया के 42.5% के मालिक हैं.


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