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गिरता रुपया निवेशकों को दूर ले जाएगा

अर्थ विमर्श
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rupee vs dollarडॉलर के मुकाबले गिरावट का नया इतिहास रचते हुए रुपया प्रति डॉलर 64 पर पहुंच गया. मंगलवार को 63.25 स्तर पर बंद होकर बुधवार को अंतरबैंक विदेशी मु्द्रा बाजार में डॉळर के मुकाबले गिरावट के साथ 63.45 पर खुला. दोपहर दो बजकर 45 मिनट पर गिर कर 64.45 प्रति डॉलर के नए न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया, लिखे जाने तक थोड़ा संभलते हुए यह 64.1050 पर पहुंचा, लेकिन यह भी अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपए की यह गिरावट भारतीय बाजार के लिए दिन-प्रतिदिन चिंता का कारण बनता जा रहा है. 60 के स्तर पर पहुंचकर ही यह भारतीय अर्थव्यवस्था के माथे पर चिंता की लकीरें खींच चुका था पर उम्मीद थी कि इससे ऊपर की सीमा यह नहीं लांघेगा. यह उम्मीद तो टूटी ही, साथ ही यह आशंका भी है कहीं यह अब 70 के आंकड़े पर न पहुंच जाए. जिस गति से यह पिछले कुछ महीनों में ही लगातार नए इतिहास बनाते हुए 50 पार करते हुए 60 का आंकड़ा भी पार कर गया, बहुत संभव है कि यह 70 भी पहुंच जाए. भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए रुपए में आई हर तेजी, एक नई खतरे की घंटी बजा जाती है. क्या गुल खिलाएगी रुपए की गिरावट में आई यह नई तेजी?

रुपया डॉलर के मुकाबले अंतरबैंक विदेशी मु्द्रा बाजार में गिरावट के साथ 63.45 पर खुला, जबकि मंगलवार को बंद का स्तर 63.25 था। हालांकि बाद में दोपहर दो बजकर 45 मिनट पर गिर कर 64.45 प्रति डॉलर के नए न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया।
64.1050 0


महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा

जाहिर है रुपए में आई हर गिरावट महंगाई तो बढाएगी ही, निकट भविष्य में महंगाई कम होने की उम्मीद को भी धूमिल करती जाएगी. उच्च वर्ग से अधिक यह मध्यम और निम्न वर्ग को रुलाएगी. सब्जियां, फलों के दाम से लेकर इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों तक की कीमत में तेजी आएगी. आम उपभोक्ता वर्ग से लेकर नौकरीपेशा, हर किसी को यह महंगाई रुलाएगी. उत्पादों की कीमतें तो बढ़ जाएंगी पर इसकी तुलना में उनकी इनकम पहले की तरह ही होगी. महंगाई के नाम पर कंपनियां या तो वेतन बढ़ाती नहीं, या बढ़ाती भी हैं तो इतनी थोड़ी कि इस महंगाई में कुछ वैसे जान पड़ती है जैसे ‘ऊंट के मुंह में जीरे की छौंक’. आप अपनी बढ़ी हुई कमाई को अगर भविष्य के लिए बचत करने की कोई योजना बनाना चाहते हैं तो भूलना पड़ेगा क्योंकि यह सब्जियों और अनाजों की बढ़ती हुई कीमत पर अपना बजट संतुलित करने में ही चला जाएगा. अपनी मूलभूत जरूरतों में कुछ जोड़ने की बजाय हर दिन इनकी उछाल लेती कीमतें कुछ कांट-छांट करने के लिए मजबूर करती हैं. आम उपभोक्ता वर्ग के लिए यह किसी सजा से कम नहीं.

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नौकरी पर असर

नौकरीपेशा हर वर्ग के लिए रुपए की रुपए में यह गिरावट दोधारी तलवार की तरह है. किस करवट लें समझना मुश्किल है. एक तरफ कंपनियां बाजार की खराब स्थिति का हवाला देते हुए कम वेतन पर नई नौकरियां उपलब्ध कराती हैंया पुराने वेतनधारियों को इसी खराब स्थिति का हवाला देते हुए वेतन नहीं बढ़ातीं. स्थिति तब  और बुरी हो जाती है जब इसके आधार पर ही कंपनी छंटनी करना शुरू करती है. इस तरह आम वर्ग पर यह रुपए की गिरावट बहुत भारी पड़ती है.


कारोबार पर असर

कुछ खास कारोबार जैसे सोने के व्यापारियों के लिए व्यापार में मुश्किलों भरा दौर है यह जगजाहिर है. डॉलर के मुकाबले कमजोर होते रुपए को संभालने और इस कारण बढ़ रही महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सर्राफा बाजार की भूमिका हमेशा महत्त्वपूर्ण रही है. क्योंकि परंपरागत कारणों से भारत में सोने की मांग हमेशा रही है इसलिए सोने का बाजार यहां हमेशा गुलजार रहता है. मुश्किल यह है कि भारत में सोने का पर्याप्त खनन नहीं है. मांग की आपूर्ति का अधिकांश सोना आयात किया जाता है. यह आश्चर्यजनक तथ्य है कि पेट्रोलियम के बाद भारत में सबसे ज्यादा आयात सोने का ही किया जाता है. लेकिन इससे इसकी मांग पर कोई असर नहीं पड़ता. जाहिर है उस मांग की आपूर्ति के लिए आयात सालोंभर लगभग एक सा होता है. सामान्य हालात में तो यह सही है पर रुपए की गिरती हुई कीमतों के इस वक्त में जितना अधिक आयात होगा, उतना ही ज्यादा डॉलर हमारे देश से बाहर जाएगा.

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जाहिर है डॉलर कम होगा, तो अपने देश में पहले से बढ़ी हुई महंगाई को यह और बढ़ाएगी. यही वजह है पिछ्ले दिनों सरकार ने सोने का आयात-शुल्क बढ़ा दिया. यह एक स्तर पर जहां महंगाई कम करने और रुपए को स्थिर करने का सरकारी प्रयास है, वहीं दूसरे स्तर पर यह सोने के व्यापारियों के लिए मंदी और महंगाई का दौर. मंदी और महंगाई के इस दौर में व्यापारियों पर जितना असर पड़ेगा उससे कहीं ज्यादा इस बाजार में व्यापारियों के लिए काम करने वाले कारीगरों और छोटे व्यापारियों पर पड़ेगा. कच्चा सोना महंगा होने से आयात कम होने के साथ ही इसे आभूषणों और अन्य कामों के लिए लगाए गए कारीगरों की जरूरत भी कम होगी. इस तरह छंटनी के आसार बढ़ जाते हैं.

क्रमश:

rupee fall against us dollar


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