Menu
blogid : 318 postid : 640947

यात्रियों की जेब काटकर मेट्रो ने मनाई दिवाली

अर्थ विमर्श
अर्थ विमर्श
  • 173 Posts
  • 129 Comments

delhi metro newsजब पूरा भारत दिवाली पर पटाखों के शोर आनंद उठा रहा था तो भला दिल्ली की शान मेट्रो कैसे इससे दूर रह सकती थी. लक्ष्मी की पूजा कर पूरे साल सुख-संपत्ति पाने की कामना करने की पुरानी परंपरा सदियों पुरानी है और मेट्रो ने भी इस परंपरा को बखूबी निभाया. फर्क इतना है कि मेट्रो की यह लक्ष्मी पूजा आम लोगों की परेशानी का सबब बन सकती है.


2 नवंबर 2013, शनिवार (छोटी दिवाली) के दिन जब कुछ लोग खरीदारी कर घर जाने की जल्दी में थे, कुछ लोग ऑफिस से दिवाली पार्टी मनाकर घर जा रहे थे और बहुतेरे लोग जो दूसरे शहरों से यहां आकर रह रहे हैं, वे दिवाली पर घर जाने के लिए रेलवे स्टेशन जाने की जल्दी में थे, दिल्ली की लाइफलाइन कहलाने वाली मेट्रो दिवाली के नाम पर पहले ही कटी हुई इनकी जेबें और काटने का तरीका ढूंढ चुकी थी.यह सिलसिला दिवाली के दिन से शुरु हुआ और आगे भी चलता रहेगा.


अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट साधनों की तरह मेट्रो में सफर करने के लिए भी यात्रियों को टिकट लेना पड़ता है और इसके लिए ‘टोकन’ और ‘कार्ड’ दोनों प्रकार की टिकट की सुविधा यात्रियों को दी गई है. अब तक टोकन जहां गंतव्य स्टेशन के लिए तय किराया अदा कर हर मेट्रो स्टेशन पर उपलब्ध टिकट काउंटर से ली जा सकती है तथा एक बार खरीदा गया टोकन एक ही बार प्रयोग किया जा सकता है, कार्ड (मेट्रो स्मार्ट कार्ड) में 100 रु. से 1000 रु. तक अपनी इच्छानुसार राशि डलवाकर उसमें जमा राशि खत्म होने तक कितनी भी बार प्रयोग किया जाता रहा है. लेकिन अब कार्ड भरवाने के लिए दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 200 रुपए कर दिया है यानि मेट्रो ने अब स्मार्ट कार्ड रिचार्ज करवाने की राशि में बदलाव करते हुए न्यूनतम राशि 200 रुपए कर दी है. अर्थात अब 200 रुपए से कम का रिचार्ज आप अपने मेट्रो कार्ड में नहीं करवा सकते. आपको बता दें कि  पहले 50 रु. न्यूनतम रिचार्ज राशि को बढ़ाकर मेट्रो ने 100 रु. किया था और अब सीधे 200 कर दी गई है. सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि दिवाली के मौके पर बिना किसी पूर्व सूचना के मेट्रो ने इसे अचानक लागू कर दिया.

ऑनलाइन शॉपिंग है फायदे का सौदा

गौरतलब है कि ज्यादातर मेट्रो स्टेशन पर अगर 4 से पांच टिकट काउंटर हैं तो उनमें 2-3 काउंटर खराब ही होते हैं. सुबह ऑफिस जाने की जल्दी हो या शाम में ऑफिस से जल्दी घर पहुंचने की कोशिश, मेट्रो के इन्हीं 1-2 काउंटर पर आराम से टिकट बनाते कर्मचारियों के सुविधानुसार लंबी लाइन में लगकर टिकट लेना पड़ता है. इस मारा-मारी से निकलकर मेट्रो में पहुंचने पर पता चलता है मेट्रो की आजकल नई दुल्हनों जैसी चाल ऑफिस के लिए फिर से लेट कर देती है..तो बॉस से खटपट और जॉब की नई परेशानी. इसलिए मेट्रों में हर दिन यात्रा करने वाले ज्यादातर यात्री कार्ड प्रयोग करना पसंद करते हैं.


इन मेट्रो स्मार्ट कार्डधारी यात्रियों में मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करनेवाले उच्च वेतनधारी भी होते हैं और साधारण नौकरी करने वाले भी होते हैं. दूसरे प्रकार के ये लोग जो हर दिन जेब में 100-200 रु. रखकर निकलते हैं कि ज्यादा पैसे खर्च न हो जाएं. ऐसे यात्रियों के लिए बिना पूर्व सूचना के मेट्रो द्वारा उठाया यह कदम परेशानी भरा था. कई यात्री ऐसे भी होते हैं जो कभी-कभार ही मेट्रो से यात्रा करते हैं लेकिन मेट्रो कार्ड बनवाकर रखते हैं कि जरूरत पर कार्ड या टोकन लेने में लगनेवाले समय की परेशानी से बच सकें. ऐसे यात्री कार्ड खोने के डर या अन्य कारणों से ज्यादा पैसे कार्ड में नहीं डलवाना चाहते. लेकिन मेट्रो के दिवाली मनाने का यह अंदाज अब इनकी भी जेबें खाली करेगा.


नोट: नई जानकारी के अनुसार मेट्रो ने 200 रु. का न्यूनतम रिचार्ज दिवाली के दिन तक की थी. उसके बाद यह बढ़ा हुआ किराया अभी तक लागू नहीं हुआ है और 100 रु. न्यूनतम रिचार्ज है.

Delhi Metro News


क्यों महत्वपूर्ण है भारतीय रिजर्व बैंक

अब शराब से जुड़ गई है नौकरी

एक औरत जिसने कंप्यूटर को भी फेल कर दिया

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh