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कॉरपोरेट जगत में लगातार कई सालों से चल रही मंदी का दौर अब समाप्त होने वाला है. विशेषज्ञों का मानना है कि नया साल इस मंदी के दौर की समाप्ति का साल होगा और नए साल में युवाओं के लिए नई नौकरियों के कई विकल्प होंगे और पहेल से नौकरीपेशा लोगों की वेतन वृद्धि पर छाए बादल छटेंगे. उम्मीद की जा रही है इसके साथ ही कॉरपोरेट जगत के साथ नौकरीपेशा लोगों और नई नौकरी से जुड़ने वालों को भी लाभ मिलेंगे.
वर्ष 2013 के निराशाजनक माहौल के बाद अब नए साल में रोजगार बाजार गुलजार रहने के आसार हैं. जानकारों का मानना है नौकरियों के मामले में सबसे बुरा दौर अब बीत चुका है. वर्ष 2014 में वेतन बढ़ोतरी भी 10 से 12 फीसद तक रह सकती है. देश में आर्थिक मोर्चे पर चिंताएं बरकरार रहने के बावजूद ज्यादातर जानकार और एचआर कंसल्टेंसी फर्म वर्ष 2014 में नौकरियों में वृद्धि को लेकर काफी आशावादी हैं. आइटी, हेल्थकेयर और शिक्षा में सबसे ज्यादा नौकरियां मिलने की संभावनाएं हैं. इसके अलावा नए बैंकिंग लाइसेंस जारी होने पर रिटेल बैंकिंग में भी रोजगारों में वृद्धि होगी.
नौकरी डॉट कॉम के बिजनेस हेड वी सुरेश का कहना है कि लगता है रोजगार क्षेत्र के लिए बुरा दौर बीत चुका है. अब हम अगले दो-तीन साल के लिए वृद्धि के दौर में प्रवेश कर रहे हैं. टीमलीज सर्विसेज की सीनियर वाइस प्रेसीडेंट एवं सह-संस्थापक संगीता लाला ने कहा कि वर्ष 2013 में मध्यम और वरिष्ठ पदों पर नियुक्तियां सीमित रही हैं. ज्यादातर भर्तियां केवल खाली पड़े अहम पदों को भरने के लिए की गईं. लेकिन वर्ष 2014 इससे कहीं बेहतर नजर आ रहा है. ज्यादातर का मानना है कि चुनाव बाद रोजगार बाजार पर छाए काले बादल छंट जाएंगे. कॉरपोरेट एक बार फिर निवेश बढ़ाना शुरू करेंगे. इससे प्रतिभाशाली लोगों की तलाश तेज हो जाएगी. देश के रोजगार बाजार पर घरेलू कारणों का ही अधिक असर पड़ता है.
वर्ष 2013 के अंतिम महीनों में रोजगार बाजार में सुधार शुरू हुआ है. अमेरिका में सूचना तकनीकी क्षेत्र पर खर्च बढ़ने का असर अगले साल आइटी और आइटीईएस क्षेत्र पर देखने को मिलेगा. स्टाफिंग फर्म मैनपावर ग्रुप के मुताबिक अगले साल जनवरी-मार्च में नौकरियों में खासी बढ़ोतरी की उम्मीद है. सबसे ज्यादा नौकरियां खनन, निर्माण और सेवा क्षेत्र में मिल सकती हैं.
ग्लोबल हंट के एमडी सुनील गोयल ने कहा कि वेतन में 10 से 12 फीसद की बढ़ोतरी होने के आसार हैं. वेतन में यह वृद्धि बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मियों तक सीमित रहेगी. औसत से कम प्रदर्शन करने वालों को कम वेतन वृद्धि मिलेगी.
साभार: jagran.com
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