Menu
blogid : 318 postid : 886302

ऐसा हो गया तो किराने की दुकानों में मिलेगी बीयर!

अर्थ विमर्श
अर्थ विमर्श
  • 173 Posts
  • 129 Comments

ऑल इंडिया ब्रिउवर्स असोसियेशन के सदस्यों ने बीयर को सोशल ड्रिंक करार देते हुए सभी राज्य सरकारों से इसे खुदरा दुकानों में एफएमसीजी उत्पादों के तौर पर बेचने की अनुमति की माँग रखी हैं. ऑल इंडिया ब्रिउवर्स असोसियेशन(एआईबीए) भारत में शराब बनाने वाले उद्यमियों का संघ है.



BeerGlasses


एआईबीए के पदाधिकारी यह चाहते हैं कि बीयर को हार्ड ड्रिंक से अलग कर दिया जाये. इसके पीछे उनका तर्क है कि बीयर में अल्कोहल की मात्रा अत्यंत कम होती है. असोसियेशन के पदाधिकारियों के अनुसार बीयर में अल्कोहल की मात्रा मात्र 5 से 8 प्रतिशत होती है.


Read: पहले शराब पिलाते हैं फिर इलाज करते हैं, क्या यहां मरीजों की मौत की तैयारी पहले ही कर ली जाती है?


बीयर उत्पादन के क्षेत्र में भारत में 10 अग्रणी कंपनी है जिनमें कार्ल्सबर्ग, एसएबी मिलर, ब्रिग्स ऑफ बर्टन, यूनाइटेड ब्रिउवरीज़ आदि प्रमुख है. भारतीय बीयर उद्योग 25,000 करोड़ रूपये के मूल्य की आँकी गयी है. इस उद्योग में 6 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है. वर्ष 2002 से 2012 के मध्य इस उद्योग की वृद्धि दर 10 से 12 प्रतिशत के बीच थी. हालांकि, कर की ऊँची दरों और बीयर की सीमित उपलब्धता के कारण बीयर उद्योग की वृद्धि में कमी आई है.


Read: चादर नहीं सिगरेट और शराब चढ़ती है इस मजार पर… जानिए क्या रहस्य है इस मजार का


इस असोसियेशन के पदाधिकारियों का मानना है कि अगर सरकार कर की दरों में कमी के साथ कुछ राहतें दें तो बीयर उद्योग की वृद्धि बढ़कर दो अंकों में हो सकती है. आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में बीयर पर कर का प्रतिशत अधिक है.Next…


Read more:

वो शराब पीती है, शॉर्ट स्कर्ट पहनती है, सुंदर भी है…. मतलब उसका प्रमोशन पक्का !!!

अब शराब से जुड़ गई है नौकरी

एक ऐसे ऋषि की कहानी जिन्होंने कभी किसी स्त्री को नहीं देखा था और जब देखा…


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh