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ऑल इंडिया ब्रिउवर्स असोसियेशन के सदस्यों ने बीयर को सोशल ड्रिंक करार देते हुए सभी राज्य सरकारों से इसे खुदरा दुकानों में एफएमसीजी उत्पादों के तौर पर बेचने की अनुमति की माँग रखी हैं. ऑल इंडिया ब्रिउवर्स असोसियेशन(एआईबीए) भारत में शराब बनाने वाले उद्यमियों का संघ है.
एआईबीए के पदाधिकारी यह चाहते हैं कि बीयर को हार्ड ड्रिंक से अलग कर दिया जाये. इसके पीछे उनका तर्क है कि बीयर में अल्कोहल की मात्रा अत्यंत कम होती है. असोसियेशन के पदाधिकारियों के अनुसार बीयर में अल्कोहल की मात्रा मात्र 5 से 8 प्रतिशत होती है.
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बीयर उत्पादन के क्षेत्र में भारत में 10 अग्रणी कंपनी है जिनमें कार्ल्सबर्ग, एसएबी मिलर, ब्रिग्स ऑफ बर्टन, यूनाइटेड ब्रिउवरीज़ आदि प्रमुख है. भारतीय बीयर उद्योग 25,000 करोड़ रूपये के मूल्य की आँकी गयी है. इस उद्योग में 6 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है. वर्ष 2002 से 2012 के मध्य इस उद्योग की वृद्धि दर 10 से 12 प्रतिशत के बीच थी. हालांकि, कर की ऊँची दरों और बीयर की सीमित उपलब्धता के कारण बीयर उद्योग की वृद्धि में कमी आई है.
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इस असोसियेशन के पदाधिकारियों का मानना है कि अगर सरकार कर की दरों में कमी के साथ कुछ राहतें दें तो बीयर उद्योग की वृद्धि बढ़कर दो अंकों में हो सकती है. आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में बीयर पर कर का प्रतिशत अधिक है.Next…
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